Facebook और Instagram की पैरंट कंपनी मेटा के खिलाफ 33 अमेरिकी राज्यों ने एक शिकायत दर्ज की है जिसमें कहा गया है कि कंपनी को साल 2019 से इंस्टाग्राम पर 13 साल से कम उम्र के यूजर्स होने की 11 लाख से ज्यादा रिपोर्ट्स मिली थी बावजूद इसके कंपनी ने सिर्फ कुछ ही अकाउंट्स को डिसेबल किया।
![Instagram, Meta Company](https://wpdrive.in/wp-content/uploads/2023/11/Facebook-and-Instagram-1024x614.png)
US के लोगों ने Instagram पर बड़े आरोप लगाए हैं।
इसके अलावा माता-पिता की मंजूरी के बगैर बच्चों की लोकेशन और ईमेल जैसी निजी जानकारियां जुटाना भी जारी रखा यह अमेरिका में बच्चों की ऑनलाइन प्राइवेसी प्रोटेक्शन एक्ट यानी चिल्ड्रंस ऑनलाइन प्रवेश की प्रोटेक्शन एक्ट का उल्लंघन कहलाता है।
न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जानते हुए भी की लाखों इंस्टाग्राम यूजर्स 13 साल से कम उम्र के हैं कंपनी इस बात को पब्लिक मे लाने से बचती रही इसे लेकर 33 अमेरिकी राज्यों ने बीते महीने अक्टूबर में मीठा के खिलाफ कोर्ट केस किया सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी मेटा पर आरोप है कि उसने जानबूझकर अपने प्लेटफार्म को बच्चों के लिए एडिक्टिव बनाया इंस्टाग्राम और फेसबुक पर युवाओं को गलत तरीके से फसाने का आरोप है।
आरोप यह भी है कि मेटा ने अपने प्लेटफार्म इस तरह से डिजाइन किया जो किशोरों को आवेग साथियों के दबाव और संभावित रूप से हानिकारक जोखिम भरे व्यवहार के प्रति संवेदनशील बनाता है शिकायत के मुताबिक मेटा ने जानबूझकर फेसबुक और इंस्टाग्राम को लत वाले फीचर्स के साथ बनाया है जो युवा यूजर्स को नुकसान पहुंचाते हैं।
मेटा के खिलाफ दायर की गई नई शिकायत में कंपनी के इंटरनल ईमेल चैट और प्रेजेंटेशन का हवाला दिया गया है इसके आधार पर कहा गया की कंपनी इस बात से वाकिफ थी कि उसके लाखों यूजर 13 साल से कम उम्र के बच्चे हैं शिकायत में यह भी कहा गया है कि कंपनी ने ऐसे तरीके मुखिया कराया जिससे 13 साल से कम उम्र के यूजर्स भी झूठ बोलकर अपना इंस्टाग्राम अकाउंट बना सके।
वहीं मेटा की ओर से कहा गया उसने किशोरों के लिए ऑनलाइन अनुभवों को सुरक्षित और उनकी उम्र के हिसाब से बनाने के लिए एक दशक तक काम किया है कंपनी ने कहा कि इंस्टाग्राम इस्तेमाल करने की शर्तें कितना 13 साल से कम उम्र के यूजर्स को प्रतिबंधित करती है कंपनी के मुताबिक अंडर एज वाले एकाउंट्स की पहचान होने पर उनके पास ऐसे अकाउंट को हटाने के उपाय भी मौजूद है।
इस पूरे मामले पर मेटा ने सफाई दी है कि राज्यों की शिकायत में उनके कामों को गलत तरीके से पेश किया गया है इस पूरी खबर पर आपकी क्या राय है हमें कमेंट में जरूर बताइएगा।